श्री गणेश जी (Ganesh Ji) की आरती

गणेश जी की आरती बहुत से लोग करते हैं। हमने इसे कई बार किया है, किसी भी महत्वपूर्ण काम शुरू करने से पहले उनकी दिव्य कृपा के लिए। हर अवसर जब हम इस पवित्र आरती को करते हैं, ऐसा लगता है जैसे हम और वह एक हैं; जैसे हमारा शरीर शांति से भरा हो जो सभी समझ से परे है।

श्री गणेश जी की आरती
श्री गणेश जी की आरती

आरती - जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

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